पारद शिवलिंग PRICE FUNDAMENTALS EXPLAINED

पारद शिवलिंग price Fundamentals Explained

पारद शिवलिंग price Fundamentals Explained

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 इसकी पूजा से कुंडली में मौजूद सभी तरह के गृह दोष समाप्त हो जाते हैं।

आप जितनी बार उसे हथेली पर घिसेंगे वह उतनी बार कालीक छोड़ेगा लेकिन शिवलिंग कभी काला नहीं होगा वह हमेशा चांदी की तरह चमकता रहेगा।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शालिग्राम को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है। इसलिए विष्णु देव को प्रसन्न करने के लिए इसकी स्थापना करना शुभ होता है। यदि कोई विधि-विधान और पूरे अनुष्ठान अनुसार शालिग्राम की स्थापना करता है तो इससे भगवान विष्णु उसे सामंजस्य और समृद्धि की प्राप्ति कराते हैं। ज्योतिषियों अनुसार जहाँ शालिग्राम के स्पर्शमात्र से आप बुध ग्रह को शांत कर अपने पापों का अंत कर सकते हैं वहीं उसका पूजन कर भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी पा सकते है। क्योंकि भगवान विष्णु को बुध ग्रह का स्वामित्व प्राप्त है। इसी लिए शालिग्राम की स्थापना से आपका लोगों को बुरी नज़र और दुष्प्रभाव से पूरी तरह बचाव होता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पारद शिवलिंग को बहुत शुभ माना गया है। पारद शिवलिंग शुद्ध पारा धातु से बना होता है। इसकी स्थापना से दरिद्रता दूर हो जाती है और माता लक्ष्मी का घर में वास होता है। पारद शिवलिंग को स्थापित करने से आरोग्य, धन-धान्य, सुख और पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। पारद शिवलिंग को भगवान् शिव, माँ लक्ष्मी और कुबेर देव का प्रतीक माना जाता है। आंतरिक और आध्यत्मिक शक्ति पाने के लिए भी पारद शिवलिंग की स्थापना की जाती है।

जर तुम्ही पारद शिवलिंगाची पूजेजा केली तर तुम्हाला कोट्यवधी शिवलिंगांची पूजा केल्याने मिळणारे फळ मिळते अशी मान्यता आहे.

- शिवलिंग कहीं भी स्थापित हो पर उसकी वेदी का मुख उत्तर दिशा की तरफ ही होना चाहिए.

Parad Shivling has the exclusive electrical power to evoke the power of Goddess Saraswati. Small children are blessed using this type of electricity to acquire interest in whatever they see and study what is useful and discard what's unwelcome. Worshiping the ling on Mondays will carry number of improvements: in service, prosperity, associations, health psychological and Bodily, corrects constructing abnormalities – Vaastu Dosha.

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ग्रह दोष निवारण: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पारद शिवलिंग की पूजा से ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।

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लिंगकोटिसहस्त्रस्य यत्फलं सम्यगर्चनात्।

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रुद्र संहिता , पारद संहिता , ब्रम्हपुराण , शिव पुराण , उपनिषद , अशा अनेक ग्रंथात पारद शिवलिंगाचे वर्णन दिले गेले आहे.

शिव को बेलपत्र अत्यधिक प्रिय है। शिव जी को बेलपत्र अर्पित click here करते समय यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि हर एक बेलपत्र में तीन पत्तियां हों और वह पत्तियां कहीं से कटी हुई न हो।

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